वह उनके बच्चों को
बस स्टाप तक पहुंचाती
सजा सवांर के
नाश्ता करा के
स्वयं भूखे पेट
किताबों का थैला ढोती
स्वयं किताबों से दूर
बचपन से दूर
परिवार की रोटी हो गयी
दिन भर एसी लगे घर में
काम करती
खटती
मरती
थकती
और रात में
पसीने से तरबतर
अपनी झोंपड़ी में
ढेर हो जाती
और आज और आज
उसकी झोपड़ी भी
बुलडोज़र के नीचे आ गयी
और और
आज की रात
बहुत भयावह होगी
कोई पहरेदार
उसके बचपन को
तार तार होने से बचा नहीं पायेगा
वह सब्जी बन जाएगी.......
बस स्टाप तक पहुंचाती
सजा सवांर के
नाश्ता करा के
स्वयं भूखे पेट
किताबों का थैला ढोती
स्वयं किताबों से दूर
बचपन से दूर
परिवार की रोटी हो गयी
दिन भर एसी लगे घर में
काम करती
खटती
मरती
थकती
और रात में
पसीने से तरबतर
अपनी झोंपड़ी में
ढेर हो जाती
और आज और आज
उसकी झोपड़ी भी
बुलडोज़र के नीचे आ गयी
और और
आज की रात
बहुत भयावह होगी
कोई सरकार
कोई न्यायलयकोई पहरेदार
उसके बचपन को
तार तार होने से बचा नहीं पायेगा
वह सब्जी बन जाएगी.......
बहुत मार्मिक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुभागमन...!
जवाब देंहटाएंआपके हिन्दी ब्लागिंग के अभियान को सफलतापूर्वक उन्नति की राह पर बनाये रखने में मददगार 'नजरिया' ब्लाग की पोस्ट नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव. और ऐसे ही अन्य ब्लागर्स उपयोगी लेखों के साथ ही अपने व अपने परिवार के स्वास्थ्योपयोगी जानकारियों से परिपूर्ण 'स्वास्थ्य-सुख' ब्लाग की पोस्ट बेहतर स्वास्थ्य की संजीवनी- त्रिफला चूर्ण एक बार अवश्य देखें और यदि इन दोनों ब्लाग्स में प्रस्तुत जानकारियां अपने मित्रों व परिजनों सहित आपको अपने जीवन में स्वस्थ व उन्नति की राह में अग्रसर बनाये रखने में मददगार लगे तो भविष्य की उपयोगिता के लिये इन्हें फालो भी अवश्य करें । धन्यवाद के साथ शुभकामनाओं सहित...
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 17 - 05 - 2011
जवाब देंहटाएंको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.blogspot.com/
आज की रात
जवाब देंहटाएंबहुत भयावह होगी
कोई सरकार
कोई न्यायलय
कोई पहरेदार
उसके बचपन को
तार तार होने से बचा नहीं पायेगा
वह सब्जी बन जाएगी....... dil ko sihrati rachna
रौंगटे खडे कर दिये………बेहद मार्मिक्।
जवाब देंहटाएंmarmik,hridayshparsi rachna..
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