बुधवार, 22 सितंबर 2010

आजादी की अमर कहानी

अंग्रेजों       का         शासन   था
वे      करते      थे        मनमानी
शोषण   का  बाजार   गरम  था
व्यापारी      थे        क्रूर ब्रितानी
नित दिन कर का बोझ-बढाते
बड़े निरंकुश थे     अभिमानी


अट्ठारह सौ सत्तावन की
बात नहीं है बहुत पुरानी
सेना में विद्रोह मचा था
कंपित थे कप्तान ब्रितानी
खौल रहे थे विद्रोही सैनिक
गूंजित करते क्रांति वाणी

देख ब्रितानी तानाशाही
बोल उठे सब हिन्दुस्तानी
'अपनी तलवारें  चमकेंगी
हम सब देंगे अब कुर्बानी
किसान मजदूर साथ चलेंगे
हिल जाएगा राज ब्रितानी


गरज उठी थी लक्ष्मीबाई-
'सुन लो गोरे अभिमानी
ज्वाला बन कर मैं आई हूं
देख मेरी तलवार का पानी
हर दिल में भर दूंगी मैं
मर-मिटने की जोश-जवानी'


दिल्ली में तलवार उठा ली
बना शाह-जफ़र सेनानी
तात्याटोपे ने ललकारा-
देश की खातिर कर कुर्बानी
अहमदुल्ला और बख्तखान
बोल रहे थे- जागो हिन्दुस्तानी


बिहार के वीर कुंवर सिहं की
नभ को कंपित करती वाणी-
हाथों  में हथियार उठा लो
ऐसी चाल चलो तूफ़ानी
इन जालिम अंगेजो की
बचे न कोई यहां निशानी


गवर्नर जनरल डलहौजी ने
विद्रोह कुचलने की ठानी
उसकी पशुता नाच उठी थी
लहू बहाया जैसे पानी
छ्लछ्द्म का लिया सहारा
बौराई सेना ब्रितानी


सैकड़ों सैनिकों से घिरी
बोल उठी झांसी की रानी-
'मैं लहू से लिखूंगी पाती
उसे पढेंगे सब हिन्दुस्तानी
मां अपनी यह धरती होगी
बस आजादी की दीवानी'




अजादी की भेंट चढ गई
वीरांगना झांसी की रानी
बढती गोरों की बर्बरता
लगी दबाने क्रांति-वाणी
हंसते-हंसते झूल गए
फ़ांसी पर कितने बलिदानी




कुंवर सिंह भी हुए बलिदान
दे कर एक संदेश जुबानी-
'बंदी है अपनी भारत मां
है बेडियां तुमको चटकानी
तुम लिख दो अपने खून से -
खत्म करेंगे राज ब्रितानी'


बंदीग्रह में शाह जफ़र की
बेड़ियों से गूंजी वाणी-
'जान से प्यारा वतन हमारा
तुमसे मांग रहा कुर्बानी
इस माटी को चूम कसम लो-
यह गुलामी तुमको मिटानी


गले लगा कर फ़ंदे को
तात्या बोले-जय भवानी
जय जय भारत भारती मां
भर दे हर दिल जोश जवानी
हर चिनगारी दे कुर्बानी
बन आजादी की दीवानी


सन अट्ठारह सौ पचासी में
बन गई कांग्रेस जनवाणी
राष्ट्रीय आंदोलन की
बही पुरजोर हवा दीवानी
डब्ल्यू सी बनर्जी बोले
बढा कदम तू हिन्दुस्तानी


सन अट्ठारह सौ अट्ठानवे
कहर ढा रहे थे ब्रितानी
बड़ा ही क्रूर अन्यायी था
वायसराय कर्जन अभिमानी
राष्ट्रीय क्रांति को उसने
सख्ती से कुचलने की  ठानी

आकाश में जैसे चमके बिजली
गूंज उठी तिलक की वाणी
'आजाद कलम से लिखूंगा
जान ले अब राज ब्रितानी
गोरो ने भेजा उनको जेल
चमकी और तिलक की वाणी


गणपति उत्सव लगे मनाने 
देश में आई नई जवानी
शिवाजी उत्सव  की धूम मची
राष्ट्रीयता का उफ़ना पानी
'आजादी-जन्म सिद्ध अधिकार'
कंपित करती तिलक की वाणी-

'दमन बस दमन ही होता है
विरोध करेगी उसे जवानी
अंधा हो जो कानून अगर
उसकी कर दें अंत कहानी
वह पथ ही न्याय भरा होता
जिस पथ पर जाते बलिदानी'


फ़ूट डालो और राज करो
नीति लेकर चले ब्रितानी
धार्मिक विदूष लगे जगाने
खारा हुआ एकता का पानी
बनवा कर मुस्लिम लीग
गोरे चले चाल शैतानी


शोषक-सत्ता का चाबुक ले
गोरों ने फ़िर की शैतानी
जन सभा पर पाबंदी के
कानून बनाए ब्रितानी
भाषण पर भी रोक लगायी
गला घोंटता राज ब्रितानी


बंकिम गांए-बंदे मातरम
स्वर मिलाती देश की वाणी
आजादी का मंत्र बना यह
गाते थे सब बलिदानी
लगा इस गान पर पाबंदी
बौराए गोरे अभिमानी

सन उन्नीस सौ पंद्रह में
मानो अदभुत घटी कहानी
अफ़्रीका से भारत आकर
गांधी बने संत सेनानी
अहिंसा से लगे झुकाने
हिंसा का राज ब्रितानी
गांधी के सत्यग्रह पर थे
हंसते शासक ब्रितानी


पर सत्याग्रह की ताकत को
जल्दी ही सब ने पहचानी
था देश उमड़ता सागर-सा
सुन कर सत्यग्राह की वाणी


गोरों की बन्दूक तनी थी
गांधी की सत्य भरी वाणी
गोली गूंज कर चुप हो जाती
आकाश कपाते बलिदानी
देश गाता-वंदे मातरम
कदम बढाते स्वाभिमानी


लाया उन्नी सौ उन्नीस में
रौलेट एक्ट राज ब्रितानी
बिन सुनवाई के न्यायालय
लगा सजा सुनाने मममानी
काली नीति का हुआ विरोध
गरज उठा सागर का पानी


जन अभाओं पर लाठी बरसी
सैकड़ो गए कालापानी
तीस हजार लोगों ने थी
भर डाली जेल ब्रितानी
क्रोधित जनरल डायर के
ह्रदय में जागी शैतानी
जलियावाला बाग सभा में
डायर की करनी हैवानी
बच्चे-बूढों पर गोली दागी
हर आखों में छलका पानी
मारे गए हजार निहत्थे
उबल उठे सब हिन्दुस्तानी


युवा उधम सिंह ने ली शपथ
डायर को है सबक सिखानी
मेरे जीवन का होगा
यही सपना यही कहानी
लन्दन जा कर डायर को मारा
पूरी कर दी अपनी वाणी


सन उन्नीस सौ सत्ताइस में
उभरी  युवा शक्ति तूफानी
नेहरू, सुभाष, जयप्रकाश
उनकी न थी कोई सानी
उनके स्वर में स्वर मिलाते
उत्साही  युवा  हिन्दुस्तानी


क्रांतिकारी संगठन भी बने
भगत सिंह की गूजी वाणी
अपने खून से लिखेंगे हम
आजादी की एक कहानी
थर्राएंगे अंगेरेजों को
बन्दूकों से हम सेनानी


रामप्रसाद बिस्मिल बोले
कफ़न ओढ़ चलें हिन्दुस्तानी 
बम-बारूद के विस्फ़ोटों से
क्रांति की है आग जलानी
धू-धू कर के जल जाए यह
अत्याचारी राज ब्रितानी


बिस्मिल,असफ़ाकउल्ला ने
चढ फ़ांसी दे दी कुर्बानी
भगत राजगुरू,सुखदेव ने भी
चूमा फ़ंदा, बने बलिदानी
अंतिम सांस तक आजाद ने
थर्रा के रखा राज ब्रितानी


जेल में जतिन  थे अनशन पर
हो रही थी जनता दीवानी
'वंदे मातरम' का तुमुल नाद
तंरगित था गंगा का पानी
अनशन के चौसंठवें दिन
'जय-हिन्द' कह गया सेनानी


सन उन्नीस सौ अट्ठाईस में
फिर दुहराई चाल पुरानी
साइमन कमीशन था आया
मन में लिए बेईमानी
गांधी बोले-अब बहलाना
बंद करो,शासक ब्रितानी


'साइमन वापस जाओ' का
 लगाते नारा हिन्दुस्तानी
जत्थे में निकले सड़कों पर
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हर एक जत्था था तूफ़ानी
'पहनेगें नहीं विदेशी वस्त्र'
गूंज उठी स्वदेशी वाणी


लाजपत राय के संग निकले
झंडा लहराते बलिदानी
सांडर्स ने लाठी चलवाई
इंकलाब की गूंजी वाणी
लाजपत राय हुए घायल
कराह उठे सब हिन्दुस्तानी


सन उन्नीस सौ तीस में
सत्य, अहिंसा की वाणी
गांधी बोले-तोड़ेंगे हम
यह नमक कानून ब्रितानी
वह कोई कानून नहीं था
बस शोषण की एक कहानी


दांडी यात्रा की गांधी ने
तोड़ कर कानून ब्रितानी
अपने हाथों नमक बनाया
धरा गगन में कंपित वाणी
अपना विधान होगा प्रिय
जैसे यह गंगा का पानी


सन उन्नीस सौ बयालीस में
जनता हो उठी दीवानी
आजादी हम ले के रहेंगे
जिन्दगी क्यों न पड़े गंवानी
शोषण की सीमा लांघ गए
मुट्ठीभर ये क्रूर ब्रितानी


गांधी ने दिया पैगाम-
पूरी आजादी है लेनी
तो 'करो या मरो' की नीति
कफ़न बांध होगी अपनानी
बौखला उठे सब गोरे
सुन कर आजादी की वाणी


चली सत्याग्रहियों पर लाठी
जुलूसों पर बंदूकें तानी
नेताओ के  संग जेल गए
हजारों हजार जीवनदानी
घोषणा कर दी कांग्रेस ने
'छोड़ो भारत' अब ब्रितानी


सन उन्नीस सौ तैंतालीस में
गरजे नेताजी सेनानी-
देश के बंदे खून मुझे दो
खत्म करूंगा राज ब्रितानी
खाएंगे सीने पर गोली
हम आजादी के सेनानी'


सन उन्नीस सौ सैंतालीस में
ढल रहा था जब राज ब्रितानी
धर्म-द्वंद्व को और बढाया
दगें उनकी थी कारस्तानी
देश बांटने की चाल चली
लिखी करुणा भरी कहानी


गांधी की जय बोल रहा था
देश का हर स्वाभिमानी
गोरे भी अब समझ गए थे
नहीं टिकेगा राज ब्रितानी
समझौते की राह पर आए
फ़िर भी जारी रही शैतानी


पंद्रह अगस्त सैंतालीस को
देश बांट गए ब्रितानी
तिरंगा लाल किले पर लहरा
गूंजी नेहरु की वाणी
शतनमन करता है देश

जिसने दी प्राणों की  कुर्बानी
सब नाम-अनाम शहीदों को
याद रखेंगे हिन्दुस्तानी
जल कर ज्वाला में तुमने
जीवन की दे दी बलिदानी
अपने खून से लिखा तुमने
आजादी की अमर कहानी
याद रखेंगे हम हिन्दुस्तानी
आजादी का पाठ जुबानी

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