सोमवार, 28 मार्च 2011

आँगन में
सुबह की सुहानी धूप
चूमती
दमकती
तुलसी की पत्तियां....
धूप में घुलती
होम  की धूम
चन्दन की अगरबत्तियों की
सुगंध
और साथ में खनकती
नई बहू   की पायल
प्रार्थना के मधु मिश्रित  स्वर -
हे सूर्य देव !
इसी तरह हर दिन
सुबह सुबह  आना
देर तक हमें किरणों से
उजाला देना
कर्म का सन्देश देना
हे सूर्य देव!
स्वीकारो जल का तर्पण
अक्षत मेरे आँचल के
श्रद्धा मेरी आत्मा से ......
आँगन में

सुबह की सुहानी धूप
चूमती
दमकती
तुलसी की पत्तियां....
धूप में घुलती
होम की धूम.........




 



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