शनिवार, 1 जनवरी 2011

नए वर्ष पर ठण्ड से कांपते लोगों को अलाव मिले....



नए वर्ष पर
फूटपाथ पर
ठण्ड से कांपते लोगों को
अलाव मिले....
मजदूरों को 
उचित मजदूरी मिले....
हर चूल्हा  जले
हर के लिए भोजन पके.......
हड्डियों में बची खाला
को कोई  एक कम्बल दे दे....
गाँव के बूढ़े बाबा को
कोई  एक ऐनक दे दे.....
आरुषियों को
कोई न्याय दे दे.....
कूड़े में अन्न तलाशते बच्चों
को कोई अक्षर दे दे....
भ्रष्टाचारियों को कोई
सन्मति दे दे......
धर्म, जाति आदि के नाम पर 
समाज को बाँटने वाली शक्तियों को
कोई सच्ची भक्ति में रम दे......
इस नव वर्ष पर......

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