मंगलवार, 21 दिसंबर 2010
आपके हों इस साल पौ बारह
सलाम दोस्तों दो हजार ग्यारह/
आपके हों इस साल पौ बारह/
मुहब्बत से भरा हो घर औ' बाहर/
घोटाले हों जाएं नौ दो ग्यारह/
मुबारक हो दो हजार ग्यारह/
प्याज हो जाए किलो बारह/
चलो चलें दो हजार ग्यारह/
प्रेम के गीत गाएं ग्यारह/
इकट्ठे हों दोस्त दस बारह/
पकौड़े चलें चाय की चुस्कियां ग्यारह/
सुनहरी हो सुबह दो हजार ग्यारह/
चांदनी हो रातें दो हजार ग्यारह/
गंगा जमना साथ बहें दो हजार ग्यारह/
सलाम -प्रणाम दो हजार ग्यारह/
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