सन्नाटे में दिल बहुत बोलता है
खजाना यादों का यूँ उमड़ता है
लगता है अभी-अभी वो मिले थे
पंख लगा के ये वक्त उड़ता है
उग आए कांटे जहाँ फूल खिलते थे
फिर भी इक दीवाना वहां रहता है
इश्क करता था वो चांदनी से
अब पत्थरों को बावला चूमता है
मिटने का उसको कोई गम नहीं
नाचीज़ कब्र में भी जी लेता है
सन्नाटे में दिल बहुत बोलता है
जवाब देंहटाएंखजाना यादों का यूँ उमड़ता है
लगता है अभी-अभी वो मिले थे
पंख लगा के ये वक्त उड़ता है
सुन्दर अभिव्यक्ति...