शनिवार, 7 मई 2011





वह मेरी एक और माँ थी
मुझे फुटपाथ पर
बेहोश मिली थी
जब मैंने उसके सर को
अपनी बाँहों में उठाया
तो देखा
उसकी बाँहों के चमड़े
फुटपाथ पर चिपके हैं
मैंने उसे पानी पिलाया
होश में लाया
अस्पताल ले गया
'दो चार दिन की मेहमान है'
डाक्टर ने बताया
उसे घर लाया
उसके बालों  में कंघी  की
उसे नहलाया 
उसकी पसंद की चीजें
उसे अपने हाथों
खिलाया
और और और
वह उसके जीवन का
दिन था अंतिम 
उसने मुझे बताई

अपनी कहानी
चार अमीर बच्चों  की
थी वह माँ
और और और
जब  खिला रहा था मैं उसे
खीर के कौर
उसने मेरा माथा चूमा
मुस्कुराई
और और और
मेरी बाँहों में
सो गयी सदा के लिए
और और और
मैंने  आज भी 
उस  मुस्कान को
अपने ह्रदय में
रखा है सजाए  
दुनिया की सबसे कीमती मुस्कान
एक माँ की मुस्कान ! 

   

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