बुधवार, 4 मई 2011

पल पल




पल पल
जीवन घुलता जाए
पल पल
समय बदलता जाए
बादल आए
बिन बरसे जाए
सपनें टूटें पल पल
अपनें छूटें पल पल
सासें तड़प रही हैं
आहें बरस रही हैं
मन का मौसम
बदले पल पल
कभी अँधेरा
कभी उजाला
सब कुछ
बदले पल पल
दिल के सारे अरमान जले
जले न घर के दीपक
पल पल
दहशत घेरे
विषधर फुफकारे
कुछ समझ न आए
पल पल
जीवन घुलता जाए
पल पल
समय बदलता जाए




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