सोमवार, 22 नवंबर 2010

अगर कुछ नहीं बुन सकते तो सपने बुनो

अगर कुछ नहीं बुन सकते 
तो सपने बुनो
आकाश में महल  बनाने का
आकाश में पेड़ उगाने का
आकाश में अपनी दुनिया बसाने का
सपने बुनो
सुंदर सुन्दर सपने बुनो
उन्हीं सपनों से एक दिन
जन्म लेंगें
साकार सपने/साकार प्राण
साकार प्रेम/साकार शून्य
स्मृति में रहे यह बात-
जिसमें कुछ नहीं होता
उसमे बहुत कुछ होता है
हमने तो शून्य में भी
लिखे हैं इतिहास
रचे हैं प्राण
स्थापित किया है गणित
अंक का
और जीवन का भी
इस लिए कहता हूँ
अगर कुछ नहीं बुन सकते
तो सपने बुनो!

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