मेरे दिल-ए-नाचीज को भुला जाइएगा
साथ गुजरे वो दिन वो रातें भुला जाइएगा
आहें मेरी ये दर्द मेरा यार पिघलेगा कब
मेरे ख्वाबों में आ के मुझे रुला जाइएगा
मेरी आँखों से तस्वीरें मिटती नहीं
जो टूटे नहीं वो नींद मुझको सुला जाइएगा
खिलखिलाती हंसी वो खनकती आपकी चूड़ियाँ
तितली-सी उड़ती यांदों को जुदा कर जाइएगा
छोड़ के जा रहा हूँ मैं खुशनुमा चमन आपका
मेरी कब्र पर एक दिया तो जला जाइएगा
कभी भूले से याद आए ये नाचीज आपको
पहले पहले प्यार की गज़ल गुनगुना जाइएगा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें